जुगनुओं की रोशनी में, रास्ते तय कीजिये,
सूरज की राह तकोगे तो, मंजिलें दूर हो जायेंगी ।
जमाना बुरा है, दिल की बातें, ना उड़ाते फिरा करो,
यूं तो तुम्हारी मुश्किलें, कुछ और मशहूर हो जायेंगी ।
दिल न माने फिर भी, इस भीड़ में आते-जाते रहो,
जब कभी भी तन्हा होगे, महफिलें दूर हो जायेंगी ।
लम्बी उम्रों की दुआएं, देने वाले नहीं रहे,
दुश्मनों की उम्मीदें अब, सफल जरूर हो जायेंगी ।
कहता था कर नजर गहरी, और फिर चुप हो गया,
नहीं पता था वो नजर, यूं नूर-ए-रूह हो जायेगी ।
10 टिप्पणियां:
अच्छा लगा आपका अंदाजे बयाँ !
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति
आम के लिये तो जुगनुओ का ही आसरा है
aapke is andaz ke kya kehne bahut khoob
http/jyotishkishore.blogspot.com
उम्दा गजल है
जुगनुओं की रिशनी मे रास्ते---- लाजवाब शेर है वैसे पूरी गज़ल ही सुन्दरशै शुभकामनायें
जुगनुओं की रिशनी मे रास्ते---- लाजवाब शेर है वैसे पूरी गज़ल ही सुन्दरशै शुभकामनायें
बहुत बढिया गजल है।बधाई।
pichhli post khabo me ro deta hun bahut achhi lgi...
बहुत उम्दा रचा है.
Very good thoughts. Nice.
And thanks for your comment on my blog !
God bless
RC
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