Wednesday 20 October 2010

मैंने सच की बात की तो लोग दुश्मन हो गये


मैंने सच की बात की तो लोग दुश्मन हो गये
बात हक के साथ की तो लोग दुश्मन हो गये

उम्र भर जिनसे निभाई मैंने दुश्मनी बार बार
मौत की मंजिल पे सारे मेरे हमदम हो गये

कभी कभी जिनसे मिला, सबने ही प्यारा कहा
साथ जिनके बरसों से, वो लोग बेमन हो गये

खून के रिश्तों की लज्जत, जाने कब कहां खो गई
अजनबी लोगों से रिश्ते, दिल की उलझन हो गये

रूह की बातें पराई, मन से अनबन हो गई
खरीद लो और बेच दो, अब लोग बस तन हो गये

25 comments:

vandana gupta said...

बडी तल्ख सच्चाइयाँ प्रस्तुत की हैं।

रश्मि प्रभा... said...

खून के रिश्तों की लज्जत, जाने कब कहां खो गई
अजनबी लोगों से रिश्ते, दिल की उलझन हो गये
behtareen rachna

Udan Tashtari said...

ऐसा ही होता है.

बढ़िया भाव..

डॉ टी एस दराल said...

रूह की बातें पराई, मन से अनबन हो गई
खरीद लो और बेच दो, अब लोग बस तन हो गये

बहुत सही लिखा है । आधुनिक युग में मानव भी एक यंत्र बन कर रह गया है ।

Apanatva said...

acchee abhivykti......

Rajeysha said...

पहली बार ब्‍लॉगर टू मेल वि‍कल्‍प का इस्‍तेमाल कि‍या और आप सब माननीय ब्‍लॉग मि‍त्रों की त्‍वरि‍त टि‍प्‍पणि‍यों से हार्दि‍क प्रसन्‍नता हुई। आभार।

M VERMA said...

उम्र भर जिनसे निभाई मैंने दुश्मनी बार बार
मौत की मंजिल पे सारे मेरे हमदम हो गये

चलो हमकदम तो मिला..
बहुत सुन्दर

महेन्‍द्र वर्मा said...

मन से अनबन हो गई...

अक्सर ऐसा होता है।

अच्छी पंक्तियां।

नीरज गोस्वामी said...

सच्चाई को बयां करते आपके अशआर कमाल के हैं...लिखते रहिये...बधाई

नीरज

shikha varshney said...

कड़वा सच बताती रचना.

Anonymous said...

bahut hi badiya likha hai aapne...

Mere blog par bhi sawaagat hai aapka.....

http://asilentsilence.blogspot.com/

http://bannedarea.blogspot.com/

Music Sunne or Download Karne Ke liye Visit Karein...
Download Direct Hindi Music Songs And Ghazals

Kailash Sharma said...

उम्र भर जिनसे निभाई मैंने दुश्मनी बार बार
मौत की मंजिल पे सारे मेरे हमदम हो गये

...रिश्तों कि सच्चाई कि बहुत कटु अभिव्यक्ति..बहुत सुन्दर...

सुज्ञ said...

आज का नंगा सच…………॥

रूह की बातें पराई, मन से अनबन हो गई
खरीद लो और बेच दो, अब लोग बस तन हो गये

कडुवासच said...

... बहुत सुन्दर ... प्रसंशनीय !!!

Dr.Bhawna Kunwar said...

Achi rachna..

seema gupta said...

सच्ची बात हमेशा ही कडवी लगती है.... सुन्दर रचना

regards

S.M.Masoom said...

उम्र भर जिनसे निभाई मैंने दुश्मनी बार बार
मौत की मंजिल पे सारे मेरे हमदम हो गये

तिलक राज कपूर said...

आपने जगजीत साहब की गायी नज्‍म सुनी होगी सच्‍ची बात कही थी मैनें, लोगों ने सूली पे चढाया।
झूठ से तुम दिल लगाना, सच नहीं कहना कभी
भावना है सच की झूठी, इसमें न बहना कभी।

वन्दना महतो ! (Bandana Mahto) said...

सभी पंक्तियाँ एक-एक सच को उजागर करती हुई. आपके ब्लॉग पर पहली बार आई हूँ, बेहद अच्छा लगा आपके पोस्टों को पढकर.

RAJNISH PARIHAR said...

कड़वा सच बताती रचना..अच्छी पंक्तियां।

Rajeysha said...

माननीय कपूर सर सहि‍त सभी आदरणीय ब्‍लॉगर मि‍त्रों का हार्दि‍क धन्‍यवाद आभार।

उस्ताद जी said...

5.5/10

लेखन में सादगी भी है और मौलिकता भी
अच्छी ग़ज़ल बन गयी है
विशेष : ग़ज़ल के भावों को मुझसे बेहतर कौन समझेगा :))

रंजना said...

विसंगतियों को बयां करता हर शेर बेहतरीन है..
सुन्दर ग़ज़ल !!!

निर्मला कपिला said...

रूह की बातें पराई, मन से अनबन हो गई
खरीद लो और बेच दो, अब लोग बस तन हो गये
har sher dil ko chhootaa saa duniyaa kee saccaaI byaan karataa huyaa| badhaaI.

दिगम्बर नासवा said...

उम्र भर जिनसे निभाई मैंने दुश्मनी बार बार
मौत की मंजिल पे सारे मेरे हमदम हो गये ...

कई बार ऐसा होता है ... अपने पराए और पराए अपने हो जाते हैं ... अच्छे शेर हैं बहुत ...

Post a Comment