बुधवार, 7 अक्तूबर 2009

अजनबी कौन हो तुम.....

अजनबी कौन हो तुम, जब से तुम्हें देखा है
सारी दुनिया मेरी आंखों में सिमट आयी है

तुम तो हर गीत में शामिल थे तरन्नुम बनके
तुम मिले हो मुझे फूलों का तबस्सुम बनके
ऐसा लगता है कि बरसों से शनासाई है
अजनबी कौन हो तुम...............................................

ख्वाब का रंग हकीकत में नजर आया है
दिल में धड़कन की तरह कोई उतर आया है
आज हर साज में शहनाई सी लहराई है
अजनबी कौन हो तुम...............................................


कोई आहट सी अंधेरों में चमक जाती है
रात आती है तो तन्हाई महक जाती है
तुम मिले हो या मोहब्बत ने गजल गाई है
अजनबी कौन हो तुम...............................................
Audio Video : http://www.youtube.com/watch?v=ZRI3CSpc4v4

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