Sunday 22 November 2009

हकीकत के फल



काशी काबे की बातों में, ये दिल भरमायेगा तुझको
खुदा खुद ही यहाँ चला आयेगा, तू अपने दिल को मक्का कर

तस्सव्वुर तो रंग बिरंगे हैं, फल फूल जो देखे आखों ने
ये जहर भरे कि हैं अमृत, हकीकत के फल भी चक्खा कर

आठों ही पहर कड़ी मेहनत, और सोहबत नई तदबीरों की
कहाँ खर्चने नगीने सांसों के, जरा ध्यान इधर भी रक्खा कर

अश्कों की नदी दुख के सागर, ना किनारे इनके बैठा कर
जरा उतर तो इन गहराईयों में, जरा अपने इरादे पक्का कर

इक बीज में सारा जंगल छुपा, कैसे ये हुआ दुनियां को दिखा
नहीं, आम मौत मर जाना नहीं, जरा जहां को हक्का-बक्का कर
 

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सपने की हकीकत :
सपना अर्द्ध चेतन अवस्था होती है जिसमें हमारा अपने ही विचारों और अभिव्यक्तियों पर नियंत्रण नहीं होता। अपवादस्वरूप कुछ एक लोग इस बात में पारंगत होते हैं कि वो सपने में वो सब देख सकें जो वो देखना चाहते हैं। क्या आप जानते हैं कि हममें में अधिकतर लोग जीवनभर में 6 साल सपने देखते हुए बिताते हैं? अनुसंधानों से सिद्ध हो चुका है कि हम सभी अपनी एक सामान्य नींद के दौरान कम से कम दो या अधिक बार सपने देखते हैं हालांकि जागने के बाद ये हमें याद नहीं रहते। सामान्यतः जागने के 5 मिनट बाद आधे से ज्यादा सपने भुला दिये जाते हैं और जागने के 10 मिनट बाद सारे सपने भुला दिये जाते हैं।
वो लोग जो जन्म से अंधे होते हैं वो भी सपने देखते हैं। जन्मांध लोगों के सपने स्पर्श, गंध, ध्वनि और स्वाद जैसी इन्द्रियों पर आधारित होते हैं। रोमन युग में संसद में कुछ उन सपनों पर चर्चा और व्याख्या भी होती थी जिन्हें समझा जाता था कि ईश्वर ने मानवजाति के लिए दिखाया है।
उन सपनों जिन पर व्यक्ति का थोड़ा बहुत नियंत्रण होता है, सबोधगम्य सपने कहते हैं।
जागरूक रहने के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण तथ्य ये है कि हम सपनों का अभ्यास करें। हम सपनों को लिखें और सपनों की श्रंखला का रिकार्ड रखें, यह हमारे अपने बारे में बहुत ही महत्वपूर्ण है।
दूसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि हम उन संकेतों और उत्प्रेरकों को लिखकर रखें जो हमें सपना देखने के दौरान इस बात के ज्ञान में सहायक हों कि हम स्वप्न अवस्था में हैं। एक बार हम सबोधगम्य सपने देखना शुरू कर दें तो हम सवप्न अवस्था में काल्पनिक अनुभवों पर नियंत्रण कर सकते हैं। यह उन लोगों के लिए अतिमहत्वपूर्ण है जिन्हें बुरे सपने आते हैं। एक मजेदार तथ्य यह भी है कि नींद के दौरान हमारा शरीर अचल हो जाता है शायद इसलिए कि हम नींद में सपनों को चलते-फिरते हकीकत न करने लगें।
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मजेदार तथ्‍य :

  • यदि आप 8 वर्ष और 7 माह तक चिल्लायें तो आप इतनी ध्वनि ऊर्जा पैदा कर सकते हैं जो एक कप कॉफी बनाने के लिए पर्याप्त हो।
  • एक सूअर 30 मिनट तक संभोगावस्था में रह सकता है।
  • एक मगरमच्छ अपनी जुबान बाहर नहीं निकाल सकता।
  • यदि आप दीवार पर सर मारते हैं तो इसमें 150 कैलोरी प्रति घंटा खर्व होगी।
  • केवल आदमी और डॉल्फिन ही ऐसी प्राणी प्रजातियां  हैं जो केवल सुख के लिए संभोग करती हैं। 
  • आदमी के शरीर में सबसे मजबूत मांसपेशी है जीभ।
  • सीधे हाथ से काम करने वाले लोग, उल्टे हाथ से काम करने वाले खब्बुओं से औसतन 9 वर्ष अधिक जीते हैं। क्या आपको मालूम है - धु्रवीय भालु भी खब्बू होते हैं?
  • चींटी अपने वजन से 50 गुना अधिक वजन उठा सकती है और 30 गुना अधिक वजन खींच सकती है। चींटी नशे में होने पर हमेशा सीधे हाथ की ओर गिरती है। क्या आपको मालूम है कि नशे में होने पर आप किस और गिरते हैं?
  • मौत के मुंह में जाने से बचा एक काकरोच अपने सिर के बिना, यानि एक कॉकरोच का धड़ 9 दिन तक जिन्दा रह सकता है।
  • कुछ शेर दिन में 50 बार संभोग कर सकते हैं।
  • स्टारफिश का दिमाग नहीं होता।
  • तितलियां अपने पैरों से स्वाद का अनुभव करती हैं।
  • मच्छर भगाने वाले साधन ऑलआउट वगैरह मच्छरों के संवेदी अंगों को निष्क्रिय कर देते हैं जिससे उसे पता नहीं चलता कि आप कहां हैं?
  • दंत चिकित्सक सलाह देते हैं कि आप अपने टूथब्रध को कमोड से कम से कम 6 फिट दूर रखें।
  • एक जवान नारियल में भरा पानी ब्लड प्लाज्मा के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • किसी भी कागज के टुकड़े को (अपने आकार से आधा करते हुए ) 7 बार से ज्यादा नहीं मोड़ा जा सकता।
  • उतने लोग वायुयान दुर्घटनाओं में नहीं मरते जितने गधों द्वारा मार दिये जाने से।
  • आप टीवी देखकर उतनी कैलोरी खर्च नहीं करते, जितनी सो कर।
  • तस्मों के किनारे पर लगी चीज एग्लेट्स कहाती है।
  • वॉल्ट डिज्नी चूहों से डरते थे।
  • यदि आप 6 वर्ष 9 माह तक लगातार अपानवायु नि‍ष्‍कासन में सक्षम हों तो इतनी गैस पैदा हो सकती है जो एक एटम बम जितना ऊर्जा पैदा कर सके।
  • मोती सिरके में पिघल घुल जाते हैं।

7 comments:

रंजू भाटिया said...

रोचक लगी यह जानकारी सपनो के बारे में भी जानना अच्छा लगा .शुक्रिया

अनिल कान्त said...

भाई मज़ा आ गया
इतनी सारी जानकारी मिली कि दिल खुश हो गया

रश्मि प्रभा... said...

इतनी विस्तृत सार्थक जानकारी अच्छी लगी

दिगम्बर नासवा said...

इतनी lajawaab aur सार्थक जानकारी ke liye shukriya ...

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

आठों ही पहर कड़ी मेहनत, और सोहबत नई तदबीरों की
कहाँ खर्चने नगीने सांसों के, जरा ध्यान इधर भी रक्खा कर..

bahut achchi lagi yeh panktiyan...

poori post padh kar mazaa aa gaya...

padmja sharma said...

राजे जी
हक़ीकत और पक्के इरादों के फल अच्छे होते हैं .

Rajeysha said...

सभी आदरणीयजनों का धन्‍यवाद। आभार।

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