जुबान भीड़ के लिए फरियादी है,
आज मूड समाजवादी है।
सच का शोर मचाओ, मर जाओ,
आज मूड समाजवादी है।
सच का शोर मचाओ, मर जाओ,
अपने संविधान में भी आजादी है।
डॉन नहीं, हीरो नहीं, नेता नहीं, रईस नहीं,
अदालत में खड़ा ही क्यों ये फरियादी है?
कुंआरेपन को ब्याहों की नजर लगी,
अदालत में खड़ा ही क्यों ये फरियादी है?
कुंआरेपन को ब्याहों की नजर लगी,
खुली जेल की सजा सी शादी है।
आखिरी सांस तक चुकाते रहो,
जिन्दगी के लोन बेमियादी हैं।
परमाणु बमों से ही हल होगी,
बढ़ती समस्या, बढ़ती आबादी है।
आखिरी सांस तक चुकाते रहो,
जिन्दगी के लोन बेमियादी हैं।
परमाणु बमों से ही हल होगी,
बढ़ती समस्या, बढ़ती आबादी है।
1 टिप्पणी:
आखिरी सांस तक चुकाते रहो,
जिन्दगी के लोन बेमियादी हैं।
.........sahi hai
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