आज़ादी की 62वीं सालगिरह की हार्दिक शुभकामनाएं। इस सुअवसर पर मेरे ब्लोग की प्रथम वर्षगांठ है। आप लोगों के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष मिले सहयोग एवं प्रोत्साहन के लिए मैं आपकी आभारी हूं। प्रथम वर्षगांठ पर मेरे ब्लोग पर पधार मुझे कृतार्थ करें। शुभ कामनाओं के साथ- रचना गौड़ ‘भारती
10 टिप्पणियां:
Sundar rumaani kavita.
( Treasurer-S. T. )
चाँद तो सारी रात सबका रहा
अपनी किस्मत को सितारा मिलता
बहुत सुन्दर लगे इसके भाव ..शुक्रिया
अच्छी कविता!
मानव मस्तिष्क पढ़ना संभव
बहुत सुन्दर कविता है ।
सारी शब तारे रहे गरदिश में
कुछ तो नजरों का इशारा मिलता
behatareen khayal. sunder sher.
आज़ादी की 62वीं सालगिरह की हार्दिक शुभकामनाएं। इस सुअवसर पर मेरे ब्लोग की प्रथम वर्षगांठ है। आप लोगों के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष मिले सहयोग एवं प्रोत्साहन के लिए मैं आपकी आभारी हूं। प्रथम वर्षगांठ पर मेरे ब्लोग पर पधार मुझे कृतार्थ करें। शुभ कामनाओं के साथ-
रचना गौड़ ‘भारती
सुन्दर!
सारी शब तारे रहे गरदिश में
कुछ तो नजरों का इशारा मिलता
Behtareen ghazal...waah...likhte rahiye...
Neeraj
चेहरा भी धुंधला हुआ यादों में
कभी तेरी दीद का शरारा मिलता
बेहद खुबसुरत गज़ल।
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