Saturday 7 May 2011

एक बार एक बेहतरीन प्‍यार

येहूदा एमीचाई की कवि‍ता
एक बार एक बेहतरीन प्‍यार

कभी किसी महान प्यार ने
मेरी जिन्दगी को दो हिस्सों में बांट दिया
जैसे
किसी सांप को दो हिस्सों में काट दिया।
एक हिस्सा तो
उमड़ता घुमड़ता तड़पता फड़कता रहता है।

और दूजा....

.... बीतते साल
मेरी तड़पन को शांत कर गये हैं
मेरा जख्म-ए-दिल भर गये हैं
मेरी आंखों में सुकून धर गये हैं

और मैं
किसी रेगिस्तान में खड़े आदमी सा
उस साइन बोर्ड को देखता हूं
जिस पर लिखा है
”समुद्र की सतह से फलां-फलां मीटर“

उसने समुद्र नहीं देखा
पर वह जानता है कि
वह किसी पानी की सतह से
कितनी ऊपर है।

उसी तरह
मुझे चहुं ओर
तुम्हारा चेहरा याद आता है
मैं जानता हूं
तुम्हारा सामना किये गये दिन
तुम्हारे यादों के धुंधलकों से बने चेहरे से
बहुत नीचे हैं।



Once A Great Love 
by 
Yehuda Amichai

Once a great love cut my life in two.
The first part goes on twisting
at some other place like a snake cut in two.

The passing years have calmed me
and brought healing to my heart and rest to my eyes.

And I'm like someone standing in the Judean desert, looking at a sign:
"Sea Level"
He cannot see the sea, but he knows.

Thus I remember your face everywhere
at your "face Level."

5 comments:

vandana gupta said...

आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (9-5-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।

http://charchamanch.blogspot.com/

दिगम्बर नासवा said...

Behatreen rachna hai ...

pragya said...

सचमुच खूबसूरत है....अनुवादित रचना ज़्यादा छूती है दिल को....

pragya said...

सचमुच खूबसूरत है....अनुवादित रचना ज़्यादा छूती है दिल को....

रचना दीक्षित said...

बेहतरीन कविता और बहुत ही खूबसूरत हिंदी रूपांतरण. बधाई.

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