शुक्रवार, 18 दिसंबर 2009

जो व्‍यक्‍ि‍त प्रेम में हो वो उसमें शत्रुभाव नहीं होता

http://jkrishnamurthyhindi.blogspot.com/

4 टिप्‍पणियां:

Arshia Ali ने कहा…

सत्य वचन।
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जिसपर हमको है नाज़, उसका जन्मदिवस है आज।
कोमा में पडी़ बलात्कार पीडिता को चाहिए मृत्यु का अधिकार।

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) ने कहा…

बिलकुल सही कहा आपने..... अच्छी लगी यह पोस्ट....

डिम्पल मल्होत्रा ने कहा…

एक व्यक्ति जो प्रेम में है जाहिर है उसमें शत्रुभाव होगा ही नहीं इसलिए मान अपमान जैसी सभी चीजों के प्रति वो एकसा तटस्थ उदासीन होगा।prem sirf shabad hi nahi ik gahre or kyee arth smete hai...bhavukta hai..khyaal hai....apki har post ik satya hoti hai shasvat...sunder

डॉ टी एस दराल ने कहा…

सही है। इसमें तो गीता का सार है।

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