शनिवार, 1 मई 2010

फिर से सोचिये।



देश, धर्म, लोक-परलोक कुछ नहीं बस सोच है,
इन सोचों में बंटा-बंटा क्या है? फिर से सोचिये।

दुख आयेगा, डर लायेगा, दर्द के बादल छायेंगे
हर सुख के बाद घटा क्या है? फिर से सोचिये।

दुश्मन रोज मिला करता है, रखता खोज-खबर अपनी,
दोस्त के दिल में घटा क्या है? फिर से सोचिये।

बचकाना बचपन, जली जवानी, बेकार बुढ़ापा आ ठहरा
उन उम्रों में कटा क्या है? फिर से सोचिये।

ताजा बचपन, जोशीली जवानी, घाघ बुढ़ापा मजे करो
हर उम्र की अपनी छटा क्या है? फिर से सोचिये।

रोबोट गढ़े हैं, देह में अंग जड़े हैं, कई ग्रहों पे चढ़ाई की,
सिर पर अतीत की जटा क्या है? फिर से सोचिये।


दृष्‍टि‍कोण

आंखों से ना दिखने के लिए उनका पूरा खराब होना जरूरी नहीं। आंख में एक तिनका भी चला जाये तो सारा संसार लुप्त हो जाता है।
- महात्मा गांधी

‘‘हमेशा’’ और ‘‘कभी नहीं’’ ये ऐसे शब्द हैं जिन्हें हमेशा याद रखें कि कभी भी इस्तेमाल नहीं करना है।

हमेशा अपने दुश्मनों को माफ करें क्योंकि इसके सिवा कुछ नहीं जो उन्हें सर्वाधिक गुस्से से भर दे।
- आस्कर वाइल्ड

हमेशा याद रखें आप दुनियां में वैसे ही अकेले और अनूठे हैं जैसे आपके सिवा हर कोई।

सुन्दरता वो नहीं जो आप सोचते हैं। महत्वपूर्ण यह बात है कि आपका मन कैसा अहसास कर रहा है। एक सामान्य नाई की दुकान पर 20 रू में उतनी ही सुन्दर कटिंग कराने में कोई मजा नहीं जो 1000 रूपये देकर ब्यूटी पार्लर में कराई जाये।

जब आप 80 वर्ष के हो जायेंगे तब आप सब कुछ सीख चुके होंगे, अगर आप उसे (जो सीखा है) याद रख सकें।

आप 8 घंटे नौकरी करके भी वो सब पा सकते हैं जो आपका बॉस 12 घंटे काम करके पाता है।

कपड़े समाज को बनाते हैं। नंगे लोगों का समाज पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
- मार्क टवेन


सुझाव वो चीज होती है जिसे हम तब किसी को देते हैं जब हम खुद उसका उत्तर जानते हैं, पर हम चाहते हैं कि हम उसे ना समझें।
- एरिका जान्ग

 
स्टाम्प टिकिट का महत्व जानिये जनाब, ये तब तक उस चीज से चिपका रहता है जब तक कि ये चीज वहां पहुंच ना जाये।

गलतियां वो चीज हैं जिन्हें हर आदमी अनुभव का नाम दे देता है।
- आस्कर वाइल्ड


वो जो सबसे आखिर में हंसता है, शायद चुटकुले का अर्थ नहीं समझा होता।

दूरदर्शन वाकई बहुत शिक्षाप्रद चैनल है। मैं जब भी इसे चालू करता हूं कोई किताब लेकर दूसरे कमरे में पढ़ने के लिए चला जाता हूं।

3 टिप्‍पणियां:

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" ने कहा…

बढ़िया रचना है ... और उद्धरण भी अच्छे हैं

Shekhar Kumawat ने कहा…

bahut khub


badhai is ke liye aap ko

दिगम्बर नासवा ने कहा…

आपकी रचना और दृष्टिकोण दोनो ही बहुत कुछ सोचने को मजबूर करते हैं ...

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