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सोमवार, 21 जुलाई 2014

वही ख्वाब - वही अज़ाब

मेरे सुकून में भी, बस वही अज़ाब था
इक झपकी लगी, कि वही ख्वाब था
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अज़ाब = पीड़ा, सन्ताप, दंड अज़ीज़ = प्रिय, माननीय, आदरणीय, 
गुणवान अज़ीम = महान, विशाल, उच्च मर्यादा वाला अटक =विघ्न

बुधवार, 30 अप्रैल 2014

उसका हर सितम बेमिसाल ऐसा,

उसका हर सितम बेमिसाल ऐसा,
मेरी हर आह पर सवाल कैसा?

अधजगी रातों के गवाह, तारों..
चांद के चेहरे पर जाल कैसा?

उसका होना, कि ज्यों खामोशी हो
ना हो आवाज, तो मलाल कैसा?

यादों और ख्वाबों का तमाशा है
मिलना कैसा? उसका विसाल कैसा?