बुधवार, 30 अप्रैल 2014

भूख और प्यार


मुझे चढ़ती दोपहर में
यही कोई 27 बजे
भूख लगी थी।
मैंने खाना खा लिया था।
और तुम
अब शाम को आई हो
40 बजे।
मेरी भूख मिट गर्इ् है।
तुम्हें तो भयंकर भूख लगी है
जाओ
आज तुम अकेले ही खा लो।
खाना खाते समय
किसी का देखना,
किसी से बात करना
अच्छा नहीं है।
तुम निपट लो,
फिर दालान में मिलना
हम फिर बातें करेंगे।
मुझे पता है
तुम्हें खटाई पसंद है,
खाने में भी
रिश्ते में भी।

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