सोमवार, 2 जनवरी 2012

पिछली सदी में.. और इस पल


 सदी नहीं, बरस महत्वपूर्ण होता है
बरस नहीं,  महीना खास होता है
महीना नहीं, हफ्ता विशेष होता है
हफ्ता नहीं, कोई दिन होता है बहुत जरूरी
दिन नहीं, किसी पहर को महसूसना स्पेशल है
किसी पहर में भी..
कोई पल ही चरम होता है...
इसलिए मुझे अच्छी नहीं लगती
किसी बीते या आने वाले बरस की बात

तुम अतीत से संचालित हो
तुम मुझसे वैसा ही व्यवहार करोगे
जैसा तुमने मुझे
किसी बीते पल महसूसा।
अभी बीते पल जैसा या
सदियों पहले जैसा।

आता कल तुम देख नहीं सकते
और इस पल के हिसाब से व्यवहारना
सच,
सदियों में कोई 'एक' ही सीख पाता है।
सच,
'एक' होना बहुत मुश्किल है।

8 टिप्‍पणियां:

डॉ टी एस दराल ने कहा…

न कल का महत्त्व था , न कल का है ।
सही कहा , बस आज ही खास है ।
इस पल को कल में व्यर्थ न करें ।

नव वर्ष मंगलमय हो ।

रश्मि प्रभा... ने कहा…

जब ज़िन्दगी में बहुत कुछ खोखला हो तो सबकुछ बेकार , और उबाऊ लगता है

विभूति" ने कहा…

आता कल तुम देख नहीं सकते
और इस पल के हिसाब से व्यवहारना
सच,
सदियों में कोई 'एक' ही सीख पाता है।
सच,
'एक' होना बहुत मुश्किल है।....बहुत खुबसूरत रचना अभिवयक्ति........

Anju (Anu) Chaudhary ने कहा…

नववर्ष की शुभकामनाएँ

Pallavi saxena ने कहा…

आने वाल पल जाने वाला है हो सके तो इसमें ज़िंदगी बितादो पल जो यह जाने वाला है .....

Smart Indian ने कहा…

शुभकामनायें!

Pratik Maheshwari ने कहा…

एक पल में कहानियाँ बादल जाती हैं। एक पल में जिंदगानियाँ बादल जाती हैं। यही सच है।


आभार
प्यार में फर्क पर अपने विचार ज़रूर दें..

virendra sharma ने कहा…

This moment is eternal .This moment is oasis .

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