शुक्रवार, 8 जुलाई 2011

अपने अपने काश।


एन्तोन शेपेलेव ने उम्र को परिभाषित करने की कोशिश की है,
जवानी:  जबकि आप खूब धूम्रपान करते हैं, शराब पीते हैं और सारी रात अय्याशियाँ करते हैं तो भी दूजे दिन सुबह आपके व्यवहार से ऐसा कुछ भी जाहिर नहीं होता।
प्रौढ़ावस्था: जबकि आप धूम्रपान करते हैं, शराब पीते हैं और सारी रात अय्याशियाँ करते हैं तो दूजे दिन सुबह आपके व्यवहार से ये सब जाहिर भी हो जाता है।
बुढ़ापा: जबकि ना तो आप धूम्रपान करते हैं, ना शराब पीते हैं और ना ही रात को आपने किया होता है तो भी दूजे दिन सुबह आपके व्यवहार से ये जाहिर होता है कि पिछली रात आपने गांजा चढ़ाया है, शराब पी है और तरह-तरह की अय्याशियां कर करके थक चुके हैं।
अब बताईये आपकी उम्र क्या है?

1 टिप्पणी:

Rajeysha ने कहा…

हाए राजे कोई भी अययाश नहीं है... कोई भी जवान नहीं मि‍ला...

एक टिप्पणी भेजें