मैं सालों से सोचता हूं
पर मैं जाना ही नहीं चाहता
हालांकि मुझे मालूम है
सुकून का घर
सुकून के घर में
रहती है
मौज और आनंद की धुंधली किरणों के साथ
ऊर्जा के सूर्यों की गर्मी
और चांदनी का पागलपन।
भ्रम है कि सुकून के घर में
रहती है
बेकारी, असफलता, आलस्य
सभी सफल, मशहूर, अमीर
कटते हैं
ऐसी बोर और मनहूस कही जाने वाली जगहों से
सुकून के घर में निवास करने वाले पर
लोग लानते भेजते हैं
सुकून के घर के बारे में
लगभग रोज ही
तकरीरें- कविताएं
लिखी और पढ़ी जाती हैं
गली-गली चैराहे-चैराहे पर
इस तरह ही लोगों को लगता है
कि वो जानते हैं
‘‘सुकून’’ शब्द का अर्थ
वरना वो कैसे
लोगों को समझा लेते,
कविता लिख लेते
गीत गा लेते।
यूं तो बहुत से लोग
सुकून के घर की तलाश करते हैं
क्योंकि
सुकून के बारे में सोचना, तलाश करना
हर जमाने का फैशन रहा है।
पर सुकून के घर में रहना
दुनियां में हमेशा नासमझी रहा है।
लोग ऐसा भी कहते हैं कि
सुकून के घर में
उम्र भर की हम्माली है
रोटी कपड़े मकान के लिए
दर-दर की भटकन है
सुकून के घर में
साथ ही रहता है
सर्दी जुकाम बुखार जैसी छोटी सी बीमारियों से
मर जाने का खतरा भी।
पर फिर भी
सुकून के बारे में लिखे हुए मंत्र
हर सुबह या शाम को
दीपक की लौ और अगरबत्तियों के धुंए में
खूब जपे जाते हैं
गाई जाती हैं आरतियां
ताकि
सुकून की चाह की तकलीफ से
बचा जा सके।
पता नहीं क्या है हकीकत
या जानते समझते हुए....
या कि हम समझना ही नहीं चाहते
कि पढ़ना, सुनना,
कहना, या लिखना
या सुकून के घर में रहने जैसा दिखना
सुकून नहीं लाता।
सुकून से रहने के लिए
जरूरी है
कि हम सुकून के घर में रहें।
पर मैं जाना ही नहीं चाहता
हालांकि मुझे मालूम है
सुकून का घर
सुकून के घर में
रहती है
मौज और आनंद की धुंधली किरणों के साथ
ऊर्जा के सूर्यों की गर्मी
और चांदनी का पागलपन।
भ्रम है कि सुकून के घर में
रहती है
बेकारी, असफलता, आलस्य
सभी सफल, मशहूर, अमीर
कटते हैं
ऐसी बोर और मनहूस कही जाने वाली जगहों से
सुकून के घर में निवास करने वाले पर
लोग लानते भेजते हैं
सुकून के घर के बारे में
लगभग रोज ही
तकरीरें- कविताएं
लिखी और पढ़ी जाती हैं
गली-गली चैराहे-चैराहे पर
इस तरह ही लोगों को लगता है
कि वो जानते हैं
‘‘सुकून’’ शब्द का अर्थ
वरना वो कैसे
लोगों को समझा लेते,
कविता लिख लेते
गीत गा लेते।
यूं तो बहुत से लोग
सुकून के घर की तलाश करते हैं
क्योंकि
सुकून के बारे में सोचना, तलाश करना
हर जमाने का फैशन रहा है।
पर सुकून के घर में रहना
दुनियां में हमेशा नासमझी रहा है।
लोग ऐसा भी कहते हैं कि
सुकून के घर में
उम्र भर की हम्माली है
रोटी कपड़े मकान के लिए
दर-दर की भटकन है
सुकून के घर में
साथ ही रहता है
सर्दी जुकाम बुखार जैसी छोटी सी बीमारियों से
मर जाने का खतरा भी।
पर फिर भी
सुकून के बारे में लिखे हुए मंत्र
हर सुबह या शाम को
दीपक की लौ और अगरबत्तियों के धुंए में
खूब जपे जाते हैं
गाई जाती हैं आरतियां
ताकि
सुकून की चाह की तकलीफ से
बचा जा सके।
पता नहीं क्या है हकीकत
या जानते समझते हुए....
या कि हम समझना ही नहीं चाहते
कि पढ़ना, सुनना,
कहना, या लिखना
या सुकून के घर में रहने जैसा दिखना
सुकून नहीं लाता।
सुकून से रहने के लिए
जरूरी है
कि हम सुकून के घर में रहें।
6 टिप्पणियां:
पता नहीं क्या है हकीकत
या जानते समझते हुए....
या कि हम समझना ही नहीं चाहते
कि पढ़ना, सुनना,
कहना, या लिखना
या सुकून के घर में रहने जैसा दिखना
सुकून नहीं लाता।
सुकून से रहने के लिए
जरूरी है
कि हम सुकून के घर में रहें।
gr8
सुकून से रहने के लिए
जरूरी है
कि हम सुकून के घर में रहें।
बहुत सुन्दर रचना
सुकून दे गया.
पता नहीं क्या है हकीकत
या जानते समझते हुए....
या कि हम समझना ही नहीं चाहते
कि पढ़ना, सुनना,
कहना, या लिखना
या सुकून के घर में रहने जैसा दिखना
सुकून नहीं लाता।
बहुत सुन्दर
शानदार रचना , बेमिशाल, बेहतरीन! बहुत ही सुन्दर !
सुकून एक मानसिक दशा है.
सुकून से रहने के लिए
जरूरी है
कि हम सुकून के घर में रहें ..
बहुत कुछ सोचने को मजबूर करती रचना ... पर सकूँ का घर है कहाँ आजकल ...
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