पंजाबी संस्करण:
मैंनू तेरा शबाब लै बैठा, रंग गोरा गुलाब लै बैठा
मैंनू तेरा शबाब लै बैठा, रंग गोरा गुलाब लै बैठा
किन्नी पीती ते किन्नी बाकी ए, मैंनू ए हो हिसाब लै बैठा
मैंनू तेरा शबाब लै बैठा, रंग गोरा गुलाब लै बैठा
मैंनू जद वी तुसी हो याद आये, दिन दिहाड़े शराब बैठा
मैंनू तेरा शबाब लै बैठा, रंग गोरा गुलाब लै बैठा
चंगा हुंदा सवाल ना करदा, मैंनू तेरा जवाब लै बैठा
मैंनू तेरा शबाब लै बैठा, रंग गोरा गुलाब लै बैठा
जब कदी वेल मिली फर्जा तों, तेरे मुख दी किताब ले बैठा
मैंनू तेरा शबाब लै बैठा, रंग गोरा गुलाब लै बैठा
हिन्दी अनुवाद :
मुझे तेरा शबाब ले बैठा,
रंग गोरा गुलाब ले बैठा
कितनी पी ली ओ, कितनी बाकी है
कितनी पी ली ओ, कितनी बाकी है
मुझ को ये ही हिसाब ले बैठा।
मुझे तेरा शबाब ले बैठा......
मुझको जब भी कभी तुम याद आये
भरी दुपहरी शराब ले बैठा।
भरी दुपहरी शराब ले बैठा।
मुझे तेरा शबाब ले बैठा......
अच्छा होता सवाल ना करता
मुझको तेरा जवाब ले बैठा।
मुझे तेरा शबाब ले बैठा......
मुझको तेरा जवाब ले बैठा।
मुझे तेरा शबाब ले बैठा......
जब कभी वक्त मिला फर्जों से,
तेरे मुख की किताब ले बैठा
मुझे तेरा शबाब ले बैठा......
तेरे मुख की किताब ले बैठा
मुझे तेरा शबाब ले बैठा......
गीतकार: शिव कुमार "बटालवी"
गायक: ये गीत जगजीत सिंह की आवाज में यू टॅयूब पर उपलब्ध है।
वैसे इसे आसा सिंह मस्ताना और महेन्द्र कपूर ने भी गाया है।
2 टिप्पणियां:
bahut sundar anuvad kiya hai ........aabhar.
बटालवी साहब जी कमाल सन.
निक्की उम्रे इन्ना वड्डा कम् कर गए,
साड्डे ते एहसान कर गए.
बहोत सोहणा गीत ऐ.
तुहानू वी वधाई.
दुनाली पर स्वागत है-
ना चाहकर भी
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