शुक्रवार, 9 अप्रैल 2010

असल मुददा



जमाने का अजब ढब हो गया है,
मुददे उठाना ही मुददा हो गया है
कि‍से खबर असल मुददा क्‍या है?
असल मुददा तो कहीं खो गया है

9 टिप्‍पणियां:

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" ने कहा…

बहुत सुन्दर लिखा है आपने ! मी ब्लॉग पर आने के लिए तथा टिपण्णी देने के लिए शुक्रिया ! कृपया ये भी बताएं कि उस आखिरी पंक्ति को सुधार कैसे जाये !

kunwarji's ने कहा…

kya baat hai ji,

gaagar me sagar wali baat hai ji ye to...
bahut badiya,

kunwar ji,

Udan Tashtari ने कहा…

सही कहा...असल मुद्दा तो कब का साईड ट्रेक हो गया.

रश्मि प्रभा... ने कहा…

asal mudde ko kaun sochta hai bhala !
sabko apni padee hai

बेनामी ने कहा…

"असल मुददा तो कहीं खो गया है"
कम शब्दों में पते की बात - बहुत खूब

Apanatva ने कहा…

aaj isee topic par maine bhee likha hai........

Rajeysha ने कहा…

यह चार लाईन्‍स अपनत्‍व से ही उपजी हैं।

Apanatva ने कहा…

Rajay jee bahut bahut aabhar .

दिगम्बर नासवा ने कहा…

सच कहा .. बहस ने अपनी दिशा बदल दी है ... असली मुद्दा खो गया है ...

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