सोमवार, 21 जुलाई 2014

वही ख्वाब - वही अज़ाब

मेरे सुकून में भी, बस वही अज़ाब था
इक झपकी लगी, कि वही ख्वाब था
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अज़ाब = पीड़ा, सन्ताप, दंड अज़ीज़ = प्रिय, माननीय, आदरणीय, 
गुणवान अज़ीम = महान, विशाल, उच्च मर्यादा वाला अटक =विघ्न

बुधवार, 16 जुलाई 2014

था मैं इतना पराया भी नहीं

17-17
था मैं इतना पराया भी नहीं
कि तूने आजमाया ही नहीं

जो दौलतें हैं तो संग सब ही
नहीं तो धूप में साया नहीं

18-18
उम्र और तजुर्बे बोलते हैं
यूं मैं कुछ सीखा सिखाया नहीं

तू मिला तो गीत, खोया तो गम
इस दिल ने, और कुछ गाया नहीं