भोपाल की सुहानी शाम
भोपाल की झील में सेलिंग
भोपाल की झील का विंहगम दृश्य
भोपाल नगरनिगम कार्यालय
शनिवार, 21 जनवरी 2012
सोमवार, 2 जनवरी 2012
पिछली सदी में.. और इस पल
सदी नहीं, बरस महत्वपूर्ण होता है
बरस नहीं, महीना खास होता है
महीना नहीं, हफ्ता विशेष होता है
हफ्ता नहीं, कोई दिन होता है बहुत जरूरी
दिन नहीं, किसी पहर को महसूसना स्पेशल है
बरस नहीं, महीना खास होता है
महीना नहीं, हफ्ता विशेष होता है
हफ्ता नहीं, कोई दिन होता है बहुत जरूरी
दिन नहीं, किसी पहर को महसूसना स्पेशल है
किसी पहर में भी..
कोई पल ही चरम होता है...
इसलिए मुझे अच्छी नहीं लगती
किसी बीते या आने वाले बरस की बात
तुम अतीत से संचालित हो
तुम मुझसे वैसा ही व्यवहार करोगे
जैसा तुमने मुझे
किसी बीते पल महसूसा।
अभी बीते पल जैसा या
सदियों पहले जैसा।
आता कल तुम देख नहीं सकते
और इस पल के हिसाब से व्यवहारना
सच,
सदियों में कोई 'एक' ही सीख पाता है।
सच,
'एक' होना बहुत मुश्किल है।
कोई पल ही चरम होता है...
इसलिए मुझे अच्छी नहीं लगती
किसी बीते या आने वाले बरस की बात
तुम अतीत से संचालित हो
तुम मुझसे वैसा ही व्यवहार करोगे
जैसा तुमने मुझे
किसी बीते पल महसूसा।
अभी बीते पल जैसा या
सदियों पहले जैसा।
आता कल तुम देख नहीं सकते
और इस पल के हिसाब से व्यवहारना
सच,
सदियों में कोई 'एक' ही सीख पाता है।
सच,
'एक' होना बहुत मुश्किल है।
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