फिल्मी कलाकार, अक्सर इतने मंजे हुए अभिनेता होते हैं, या इतने सौभाग्यशाली कि उन्हें स्वयं पता नहीं होता। जिनका एक शॉट पहली बार में ही ओ.के. हो जाता है। या दूजी बार,- या तीजी बार, या दसवीं, या पचासवीं या सौंवी..बस दो-चार सौंवी बार... और अभिनेता की किस्मत देखिये कि यदि शॉट ओ.के. नहीं हो पा रहा, तो डुप्लीकेट तैयार होता है, शॉट ओ.के. करने के लिए।
पर आम आदमी. और मुझ जैसे लोग. क्लर्क, मोची, धोबी, भंगी, या किसी नौकरी पर जाने वाले नौकर कहाने वाले। जिन्दगी भर मजबूरन किसी तयशुदा काम या धंधे पर जाने वाले लोग। किसी काम के साथ में "वाला" जोड़कर पुकारे जाने वाले. दूधवाला, प्रेसवाला, किरानेवाला, पानवाला, सब्जीवाला, या मजदूर सड़क खोदकर फिर से बनाने वाला .. 50-60-70 बरस, जब तक हाथ पैर हिलें उसे बस एक तयशुदा शॉट ओ.के. करवाने में सारी जिन्दगी निकल जाती है.। और बावजूद इसके कोई अदृश्य ईश्वर या डायरेक्टर कभी भी आकर नहीं कहता कि ठीक है, शॉट ओ.के. है, तुम्हें अब कोई जन्म नहीं लेना।
पर आम आदमी. और मुझ जैसे लोग. क्लर्क, मोची, धोबी, भंगी, या किसी नौकरी पर जाने वाले नौकर कहाने वाले। जिन्दगी भर मजबूरन किसी तयशुदा काम या धंधे पर जाने वाले लोग। किसी काम के साथ में "वाला" जोड़कर पुकारे जाने वाले. दूधवाला, प्रेसवाला, किरानेवाला, पानवाला, सब्जीवाला, या मजदूर सड़क खोदकर फिर से बनाने वाला .. 50-60-70 बरस, जब तक हाथ पैर हिलें उसे बस एक तयशुदा शॉट ओ.के. करवाने में सारी जिन्दगी निकल जाती है.। और बावजूद इसके कोई अदृश्य ईश्वर या डायरेक्टर कभी भी आकर नहीं कहता कि ठीक है, शॉट ओ.के. है, तुम्हें अब कोई जन्म नहीं लेना।
मेरा हर जन्म, कोई पूरा सीन या कहानी नहीं होता। वह पूरा शॉट भी नहीं
होता। मेरी सारी जिन्दगी अधूरा शॉट होती है, जिसे मैं अनवरत रोज रीटेक
करता हूँ। टूटकर गिर जाने तक।
एवंई, Misc, जो कि बहुत जरूरी होता है Very Important
5 टिप्पणियां:
जिंदगी का शॉट ओ के करने के लिए मोक्ष को प्राप्त करना होगा ।
मोक्ष मिले या न मिले , लेकिन कर्म तो अच्छे करते रहना चाहिए ।
सुन्दर प्रस्तुति ।
ok ho jaye to hum aadtan haath per haath dhare baith jayenge
सही बात कही दोस्त आपकी इस स्टोरी में एक और चीज़ कहना चाहूँगा की जिंदगी में हमें कभी कोई रिटेक कहने वाला भी नहीं मिलता और गुजरा हुआ वक्त भी हमें फिरसे नहीं मिलता यहाँ हमारी जिंदगी के डिरेक्टर भी हम हे और एक्टर भी हमी हे | हमारी जिंदगी का हिसाब तो उपर भगवान के पास जाकर होगा.
शॉट ओके हो या ना हो रोल तो निभाते ही जाना है ।
अपनी ज़िन्दगी के फिल्म हम खुद ही बैठकर देखते हैं, तो शॉट ओके हो न हो, परवाह नहीं...
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