शनिवार, 17 सितंबर 2011

अंत्‍येष्‍ि‍ट करायें, देश के 200 करोड़ बचायें

इक सर्वधा नई अन्‍त्‍येष्‍टि‍ वि‍धि‍ -



4 टिप्‍पणियां:

नीरज द्विवेदी ने कहा…

Bahut acchi aur upyogi jaankari di aapne.

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देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा…

कहां करायें ? कैसे करायें...? जैसे 50 साल के हो चुके। 10-20साल में तो मरिये जायेंगे। बनारस में रहते हैं .. बनारस में कहां होती है ? मरने से पहले पूर्ण जानकारी दे देना भैय्या..! माँ बाप तो हैं नहीं अब मेरी ही बारी है।

Smart Indian ने कहा…

उपलों वाली इस प्रक्रिया का उपयोग किस श्मशान में हो रहा है?

Rajeysha ने कहा…

देवेन्‍द्र जी
मरेंगे तो अपने दुश्‍मन भी, बस वि‍धि‍ स्‍पष्‍ट करनी थी। जि‍न्‍दगी ऐसी जी जाये कि‍ कंधे कम ना पड़ें। जि‍तने नि‍कल गये गि‍ने जा सकते हैं, पर कि‍तने बचे हैं कौन जाने... इसलि‍ये हंसि‍ये हंसाइये... उसे जूतों से सजाईये जो कहे हंसना मना है।
स्‍मार्ट इंडि‍यन जी
इससे क्‍या सरोकार की कहां हो रहा है (वैसे मधुबनी बि‍हार में हो रहा है) वि‍धि‍ स्‍पष्‍ट है ही, । हमें नये तरीकों की शुरूआत करनी चाहि‍ये। वैसे अपना इरादा तो इलेक्‍ट्रक बेड का है। अपने शहर में ये है भी...

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