आदमी से बात करना बड़ा मुश्किल है
आदमी
उम्र के साथ साथ
और और
शातिर और चालाक हो जाता है
और अक्सर तो
मौत से पहले ही
मुर्दा।
रोज पत्तियां गिरती हैं
फूल, फल झड़ते हैं
खाल उतरती रहती है।
वो हमेशा
पहली कोंपल जितने
नये और ताजे रहते हैं।
पेड़ों से बात करना
कल जितना ही आसान है।
6 टिप्पणियां:
बहुत गहरी बात कह दी। बधाई।
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प्रेम रस की तलाश में...।
….कौन ज्यादा खतरनाक है ?
hmmm aisa hai to , per her aadmi shatir nahi hota , shatirta me tuta hua bhi hota hai
aapke anubhav lagta hai kaduve rahe hai......varna......aisee soch rachana me nahee ubhartee.....
आदमी से बात करना बड़ा मुश्किल है
आदमी
उम्र के साथ साथ
और और
शातिर और चालाक हो जाता है
और अक्सर तो
मौत से पहले ही
मुर्दा।
बहुत ही सटीक बात कही आपने.... पूरा सच...
अंतिम पंक्ति ने बहुत कुछ कह दिया....सच, पेड़ अभी भी बहुत भोले हैं...
अच्छे है आपके विचार, ओरो के ब्लॉग को follow करके या कमेन्ट देकर उनका होसला बढाए ....
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