Saturday 9 April 2011

आदमी से बात करना बड़ा मुश्किल है


 आदमी से बात करना बड़ा मुश्किल है
आदमी
उम्र के साथ साथ
और और
शातिर और चालाक हो जाता है
और अक्सर तो
मौत से पहले ही
मुर्दा।

रोज पत्तियां गिरती हैं
फूल, फल झड़ते हैं
खाल उतरती रहती है।
वो हमेशा
पहली कोंपल जितने
नये और ताजे रहते हैं।
 

पेड़ों से बात करना
कल जि‍तना ही आसान है।

6 comments:

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

बहुत गहरी बात कह दी। बधाई।


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प्रेम रस की तलाश में...।
….कौन ज्‍यादा खतरनाक है ?

रश्मि प्रभा... said...

hmmm aisa hai to , per her aadmi shatir nahi hota , shatirta me tuta hua bhi hota hai

Apanatva said...

aapke anubhav lagta hai kaduve rahe hai......varna......aisee soch rachana me nahee ubhartee.....

Shah Nawaz said...

आदमी से बात करना बड़ा मुश्किल है
आदमी
उम्र के साथ साथ
और और
शातिर और चालाक हो जाता है
और अक्सर तो
मौत से पहले ही
मुर्दा।


बहुत ही सटीक बात कही आपने.... पूरा सच...

pragya said...

अंतिम पंक्ति ने बहुत कुछ कह दिया....सच, पेड़ अभी भी बहुत भोले हैं...

hamarivani said...

अच्छे है आपके विचार, ओरो के ब्लॉग को follow करके या कमेन्ट देकर उनका होसला बढाए ....

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