लगभग कुछ सालों बाद
समन्दर के किनारों पर सूनामी जैसे भयंकर तूफान आने चाहिए
लगभग कुछ सालों बाद
नदियों के किनारे झुग्गियों.गांव.शहरों में बाढ़ आनी चाहिए
"ओम शांति शांति शांति..."
- राजेशा
नदियों के किनारे झुग्गियों.गांव.शहरों में बाढ़ आनी चाहिए
लगभग कुछ सालों बाद
पहाड़ी और रेगिस्तानी इलाकों में भूकम्प आने चाहिए
पहाड़ी और रेगिस्तानी इलाकों में भूकम्प आने चाहिए
लगभग कुछ सालों बाद
जंगलों में आग लगनी चाहिए
लगभग कुछ सालों बाद
किसी तरह की कोई उथल-पुथल तो होनी चाहिए
जंगलों में आग लगनी चाहिए
लगभग कुछ सालों बाद
किसी तरह की कोई उथल-पुथल तो होनी चाहिए
लगभग कुछ ही सालों बाद
आदमी के बसाये गांव और शहर
बड़ा बोर करने लगते हैं
लगभग कुछ सालों बाद :
... समन्दर और नदियां प्रदूषित हो जाती हैं
... पहाड़ों पर ढेर सारा कचरा जमा हो जाता है
... बासे जंगलों में फंफूंद उग आती है
आदमी के बसाये गांव और शहर
बड़ा बोर करने लगते हैं
लगभग कुछ सालों बाद :
... समन्दर और नदियां प्रदूषित हो जाती हैं
... पहाड़ों पर ढेर सारा कचरा जमा हो जाता है
... बासे जंगलों में फंफूंद उग आती है
लगभग कुछ ही सालों बाद
आदमी के बसाये गांव और शहरों में
संस्कृति सड़ जाती है।
आदमी के बसाये गांव और शहरों में
संस्कृति सड़ जाती है।
लगभग कुछ सालों बाद
कोई क्रांति तो होनी ही चाहिए,
आदमी में ना सही,
अकेले-अकेले पंचतत्वों:
आग.हवा.पानी.धरती. और आकाश में सही।
ताकि आदमी
कोई क्रांति तो होनी ही चाहिए,
आदमी में ना सही,
अकेले-अकेले पंचतत्वों:
आग.हवा.पानी.धरती. और आकाश में सही।
ताकि आदमी
इन शब्दों के अर्थ से वाकिफ रहे :
"ओम शांति शांति शांति..."
- राजेशा
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