शुक्रवार, 12 मार्च 2010

तेरे जाने के बाद

तेरे जाने के बाद कोई सावन नहीं आया
ना उन गलियों में, ना मेरे दिल की बस्ती में

तेरे जाने के बाद, सागर के किनारे शोर करते रहे
कितने मंजर तरते रहे, यादों की कश्ती में

तेरे जाने के बाद, बारहा ये सवाल आया
बारहा मलाल आया, क्या कम है मेरी हस्ती में

तेरे जाने के बाद, मैं भी कितना अपना रहा
बन के इक सपना रहा, किसी साये की सरपरस्ती में

तेरे जाने के बाद, सारी राहें खो गई हैं
तमन्ना रोती-मुस्कुराती हैं, दीवानावर मस्ती में

तेरे जाने के बाद कोई सावन नहीं आया
ना उन गलियों में, ना मेरे दिल की बस्ती में

22 टिप्‍पणियां:

अनामिका की सदायें ...... ने कहा…

bahut khoobsurat gazel.

रानीविशाल ने कहा…

Bahut Khub....Accha laga aapko pad kar.Dhanywaad!!
http://kavyamanjusha.blogspot.com/

Apanatva ने कहा…

akelepan me ulajhe vykti kee dastan hai ye kavita.

Udan Tashtari ने कहा…

तेरे जाने के बाद कोई सावन नहीं आया
ना उन गलियों में, ना मेरे दिल की बस्ती में

-वाह! बहुत बढ़िया.

प्रिया ने कहा…

तेरे जाने के बाद, बारहा ये सवाल आया
बारहा मलाल आया, क्या कम है मेरी हस्ती में

तेरे जाने के बाद, मैं भी कितना अपना रहा
बन के इक सपना रहा, किसी साये की सरपरस्ती में

wah wah wah wah!

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" ने कहा…

bahut sundar ghazal hai...

Rajeysha ने कहा…

आपकी जर्रानवाजी थी, वरना मैंने तो हवाओं को सदा दी थी।

रश्मि प्रभा... ने कहा…

तेरे जाने के बाद कोई सावन नहीं आया
ना उन गलियों में, ना मेरे दिल की बस्ती में
.....
kamaal ke ehsaas

संजय भास्‍कर ने कहा…

बहुत खूब, लाजबाब !

Mithilesh dubey ने कहा…

बहुत ही खूबसूरत गजल लगी ।

नीरज गोस्वामी ने कहा…

किसी के जाने के बाद के आलम का क्या खूब नक्शा खींचा है आपने अपनी रचना में...बहुत खूब..
वाह..
नीरज

M VERMA ने कहा…

तेरे जाने के बाद कोई सावन नहीं आया
ना उन गलियों में, ना मेरे दिल की बस्ती में

रोक लेते जो जाते हुए को
ये हालात तो न होता
दिल का चैन, नींद् औ
दिल का करार तो न खोता

बहुत सुन्दर गज़ल है

M VERMA ने कहा…

वैसे ये चित्र में
दाढ़ी वाले कौन है
नज़रो से कह रहे है
पर जुबाँ मौन है

Reetesh Khare ने कहा…

तेरे जाने के बाद, बारहा ये सवाल आया
बारहा मलाल आया, क्या कम है मेरी हस्ती में

तेरे जाने के बाद, मैं भी कितना अपना रहा
बन के इक सपना रहा, किसी साये की सरपरस्ती में

इन अशआर ने दिल पे 'राज' किया ;)

निर्मला कपिला ने कहा…

ाच्छी नज़म है शुभकामनायें ।

Unknown ने कहा…

kuch khubiya hamame bhi thi per na likh sake na hi suna paye man himan me gungunate rahe jab padtha aapko to laga kuch bhool gaya tha mai jo aaj yaad aaya

pallavi trivedi ने कहा…

तेरे जाने के बाद कोई सावन नहीं आया
ना उन गलियों में, ना मेरे दिल की बस्ती में
bahut badhiya hai...

chandrabhan bhardwaj ने कहा…

Bhai Rajesha
Achchhi rachana hai, badhai

Unknown ने कहा…

gar na hui dil me may-e-ishq ki masti
phir kya duniya dari, kya khuda parasti

रज़िया "राज़" ने कहा…

तेरे जाने के बाद, सारी राहें खो गई हैं
तमन्ना रोती-मुस्कुराती हैं, दीवानावर मस्ती में
बडी ही दर्द भरी गजल।

शरद कोकास ने कहा…

वेदना का सुन्दर वर्णन ।

Unknown ने कहा…

tum he kyon bhaye dil ko kya malum jab nazron ke samne haseen tmaam aaye

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