तेरे जाने के बाद कोई सावन नहीं आया
ना उन गलियों में, ना मेरे दिल की बस्ती में
तेरे जाने के बाद, सागर के किनारे शोर करते रहे
कितने मंजर तरते रहे, यादों की कश्ती में
तेरे जाने के बाद, बारहा ये सवाल आया
बारहा मलाल आया, क्या कम है मेरी हस्ती में
तेरे जाने के बाद, मैं भी कितना अपना रहा
बन के इक सपना रहा, किसी साये की सरपरस्ती में
तेरे जाने के बाद, सारी राहें खो गई हैं
तमन्ना रोती-मुस्कुराती हैं, दीवानावर मस्ती में
तेरे जाने के बाद कोई सावन नहीं आया
ना उन गलियों में, ना मेरे दिल की बस्ती में
22 टिप्पणियां:
bahut khoobsurat gazel.
Bahut Khub....Accha laga aapko pad kar.Dhanywaad!!
http://kavyamanjusha.blogspot.com/
akelepan me ulajhe vykti kee dastan hai ye kavita.
तेरे जाने के बाद कोई सावन नहीं आया
ना उन गलियों में, ना मेरे दिल की बस्ती में
-वाह! बहुत बढ़िया.
तेरे जाने के बाद, बारहा ये सवाल आया
बारहा मलाल आया, क्या कम है मेरी हस्ती में
तेरे जाने के बाद, मैं भी कितना अपना रहा
बन के इक सपना रहा, किसी साये की सरपरस्ती में
wah wah wah wah!
bahut sundar ghazal hai...
आपकी जर्रानवाजी थी, वरना मैंने तो हवाओं को सदा दी थी।
तेरे जाने के बाद कोई सावन नहीं आया
ना उन गलियों में, ना मेरे दिल की बस्ती में
.....
kamaal ke ehsaas
बहुत खूब, लाजबाब !
बहुत ही खूबसूरत गजल लगी ।
किसी के जाने के बाद के आलम का क्या खूब नक्शा खींचा है आपने अपनी रचना में...बहुत खूब..
वाह..
नीरज
तेरे जाने के बाद कोई सावन नहीं आया
ना उन गलियों में, ना मेरे दिल की बस्ती में
रोक लेते जो जाते हुए को
ये हालात तो न होता
दिल का चैन, नींद् औ
दिल का करार तो न खोता
बहुत सुन्दर गज़ल है
वैसे ये चित्र में
दाढ़ी वाले कौन है
नज़रो से कह रहे है
पर जुबाँ मौन है
तेरे जाने के बाद, बारहा ये सवाल आया
बारहा मलाल आया, क्या कम है मेरी हस्ती में
तेरे जाने के बाद, मैं भी कितना अपना रहा
बन के इक सपना रहा, किसी साये की सरपरस्ती में
इन अशआर ने दिल पे 'राज' किया ;)
ाच्छी नज़म है शुभकामनायें ।
kuch khubiya hamame bhi thi per na likh sake na hi suna paye man himan me gungunate rahe jab padtha aapko to laga kuch bhool gaya tha mai jo aaj yaad aaya
तेरे जाने के बाद कोई सावन नहीं आया
ना उन गलियों में, ना मेरे दिल की बस्ती में
bahut badhiya hai...
Bhai Rajesha
Achchhi rachana hai, badhai
gar na hui dil me may-e-ishq ki masti
phir kya duniya dari, kya khuda parasti
तेरे जाने के बाद, सारी राहें खो गई हैं
तमन्ना रोती-मुस्कुराती हैं, दीवानावर मस्ती में
बडी ही दर्द भरी गजल।
वेदना का सुन्दर वर्णन ।
tum he kyon bhaye dil ko kya malum jab nazron ke samne haseen tmaam aaye
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