rajey.blogspot.com

सोमवार, 8 फ़रवरी 2010

सृजन के द्वार खुलें, क्‍या ऐसा कोई आयोजन हो सकता है

http://jkrishnamurthyhindi.blogspot.com/
प्रेषक Rajeysha at 4:56:00 am
इसे ईमेल करेंइसे ब्लॉग करें! X पर शेयर करेंFacebook पर शेयर करेंPinterest पर शेयर करें
लेबल जे कृष्‍णमूर्ति हि‍न्‍दी में

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

नई पोस्ट पुरानी पोस्ट मुख्यपृष्ठ

सृजन प्रारूप

  • अनुवादि‍त कवि‍ता (9)
  • अनुवादि‍त गीत (7)
  • अपरि‍हार्य (8)
  • एवंई (31)
  • कवि‍ता Kavita (43)
  • गजल (35)
  • गजलनुमा (61)
  • गीत (3)
  • जे कृष्‍णमूर्ति हि‍न्‍दी में (12)
  • दृष्टिकोण (4)
  • नग्‍मा (4)
  • नज्‍़म Nazm (3)
  • नव गजल (2)
  • पंजाबी कवि‍ शि‍व कुमार बटालवी का काव्‍य हि‍न्‍दी में (2)
  • फि‍ल्‍मी गीत (3)
  • बंजारे श़ेर (2)
  • लघु कथा (1)
  • लम्‍बी कवि‍ता (2)
  • लेख (8)
  • शब्‍दाख्‍यान (15)
  • संक्षि‍प्‍त परि‍चय (3)
  • सूफि‍याना (2)

सभी पोस्‍ट्स की सूची यहॉं क्लिक करें

  • ►  2008 (11)
    • ►  नवंबर (3)
    • ►  दिसंबर (8)
  • ►  2009 (82)
    • ►  जून (2)
    • ►  जुलाई (3)
    • ►  अगस्त (12)
    • ►  सितंबर (18)
    • ►  अक्टूबर (17)
    • ►  नवंबर (12)
    • ►  दिसंबर (18)
  • ▼  2010 (87)
    • ►  जनवरी (13)
    • ▼  फ़रवरी (8)
      • द्वैत
      • सृजन के द्वार खुलें, क्‍या ऐसा कोई आयोजन हो सकता है
      • आदमी कैसे कैसे जीना सीख गया है
      • वो झुकी निगाह
      • 1411 वो खूबसूरत, आकर्षक, चुम्‍बकीय, रोमांचक अहसास ...
      • मनुष्य का मशीनीकरण
      • मेरी आरजू...कमीनी। मेरे ख्‍वाब भी....कमीने....।
      • बेखुदी में भी, मुझे तेरा खयाल रहता है
    • ►  मार्च (5)
    • ►  अप्रैल (9)
    • ►  मई (10)
    • ►  जून (12)
    • ►  जुलाई (9)
    • ►  अगस्त (7)
    • ►  सितंबर (6)
    • ►  अक्टूबर (3)
    • ►  नवंबर (3)
    • ►  दिसंबर (2)
  • ►  2011 (64)
    • ►  जनवरी (3)
    • ►  फ़रवरी (6)
    • ►  मार्च (6)
    • ►  अप्रैल (5)
    • ►  मई (9)
    • ►  जून (3)
    • ►  जुलाई (6)
    • ►  अगस्त (7)
    • ►  सितंबर (7)
    • ►  अक्टूबर (3)
    • ►  नवंबर (8)
    • ►  दिसंबर (1)
  • ►  2012 (6)
    • ►  जनवरी (2)
    • ►  मार्च (1)
    • ►  मई (3)
  • ►  2013 (16)
    • ►  जनवरी (2)
    • ►  फ़रवरी (1)
    • ►  मार्च (1)
    • ►  अप्रैल (3)
    • ►  मई (1)
    • ►  जून (2)
    • ►  जुलाई (1)
    • ►  अगस्त (1)
    • ►  सितंबर (1)
    • ►  अक्टूबर (2)
    • ►  नवंबर (1)
  • ►  2014 (14)
    • ►  जनवरी (1)
    • ►  फ़रवरी (1)
    • ►  मार्च (3)
    • ►  अप्रैल (6)
    • ►  जून (1)
    • ►  जुलाई (2)
  • ►  2015 (3)
    • ►  मार्च (1)
    • ►  जून (1)
    • ►  सितंबर (1)
  • ►  2016 (4)
    • ►  जनवरी (3)
    • ►  अक्टूबर (1)
  • ►  2018 (2)
    • ►  अप्रैल (1)
    • ►  जून (1)
  • ►  2020 (2)
    • ►  नवंबर (2)
  • ►  2021 (5)
    • ►  जनवरी (2)
    • ►  मई (1)
    • ►  अक्टूबर (1)
    • ►  दिसंबर (1)
  • ►  2022 (2)
    • ►  जुलाई (1)
    • ►  अगस्त (1)
  • ►  2023 (2)
    • ►  नवंबर (1)
    • ►  दिसंबर (1)
  • ►  2024 (1)
    • ►  अगस्त (1)
  • ►  2025 (3)
    • ►  जनवरी (3)

Subscription Link

ईमेल द्वारा इस ब्‍लॉग की नई पोस्‍ट प्राप्‍त करने हेतु, यहां अपना ईमेल पता लि‍खें* :

Delivered by FeedBurner

rajey.blogspot.com
25/100

kiss!

Follow rajey09 on Twitter

Popular Posts

  • वो नादान बचपन, कितना ही प्यारा था
    काग़ज की कश्ती, पानी का किनारा था मन में मस्ती थी , दिल ये आवारा था आ गये कहां से, ये समझदारी के बादल वो नादान बचपन, कितना ही प्यारा था ...
  • क्या आप जानते हैं— 'सुनना' एक महान कला है।
    न महान कलाओं में से है जो हमने नहीं रचीं— एक है "किसी को पूरी तरह सुनना। ध्यानपूर्वक सुनना। कान या श्रवणमात्र.. सुनना ...
  • जस्ट डायल डॉट कॉम धोखाधड़ी, लूट खसोट Just Dial.com Scam/ Fraud
    मोबाइल फोन नं. एक सुविधा है लेकिन साइड इफेक्ट्स की तरह इसके साथ कई असुविधाएं जुड़ी हैं, जिन्हें लोग नजरअंदाज करते हैं। संचार सुविधाओं क...
  • मैंने सच की बात की तो लोग दुश्मन हो गये
    मैंने सच की बात की तो लोग दुश्मन हो गये बात हक के साथ की तो लोग दुश्मन हो गये उम्र भर जिनसे निभाई मैंने दुश्मनी बार बार मौत की मंजिल पे...
  • मुजरिम बनोगे? Video Song
    Thursday 10 March 2011 को लिखी ये लाईने सुनिये इस बार स्वरबद्ध, सुसंगीत और वीडियो सहित। मुजरिम बनोगे?  https://youtu.be/2S928rHLEqI?si=yTNuT...
  • Mera Bhopal ?
    भोपाल की सुहानी शाम भोपाल की झील में सेलिंग भोपाल की झील का विंहगम दृश्य भोपाल नगरनिगम कार्यालय
  • आवाज दूं समन्दर को
    अर्थों के किनारों तक नहीं पहुंचती बहुत सी लहरें। आंखों की गलियों के बादल, बारिश से ये रिश्ते थे उन बूंदों के नाम नहीं थे इन्हें आंसू...
  • रूठ गये गर तुम ही मुझसे, कहो फिर मेरी ठौर कहां है
    चि‍त्रांकन : राजेशा रूठ गये गर तुम ही मुझसे, कहो फिर मेरी ठौर कहां है गले लगाया तुमने ही तो, मेरे जलन भरे सीने को तेरे ही तो होंठ हैं...
  • गुलाब, कैक्टस और बाबू मद्रासी का कुत्ता
    बाबू मद्रासी सरकारी दफ्तर में दफ्तरी था। रामखिलावन की पत्नी ने पूछा-दफ्तरी क्या होता है? रामखिलावन ने बताया था - दफ्तरी होना एक मुगालता ...
  • शादी करनी चाहिए या नहीं?
    शादीशुदा और बाल-बच्चों वालों से विवाहयोग्य-अयोग्य लोग पूछा करते हैं, भैया जी! शादी के बारे में आपका क्या ख्याल है? शादी करनी चाहिए या ...

Comments on rajey.blogspot.in

लोड हो रहा है. . .

महत्‍वपूर्ण पृष्‍ठ

  • Krishnamurti Foundation India
  • J Krishnamuti.org
  • Krishnamurti Foundation of America
  • J Krishnamurthy In Hindi
  • Profile हमारा परि‍चय
  • हंसना मना है
  • योगमार्ग
  • जे कृष्‍णमूर्ति‍ हि‍न्‍दी में
  • चि‍त्रगान

Indiblogger

IndiBlogger - The Largest Indian Blogger Community

स्वागत है दोस्तों...

पृष्ठ

  • Follow Now

About Rajeysha

मेरी फ़ोटो
Rajeysha
मेरा पूरा प्रोफ़ाइल देखें

Mahamaya

Ram

member of
>
Page copy protected against web site content infringement by Copyscape

Powered by FeedBurner

Subscribe in a reader


Visit blogadda.com to discover Indian blogs


http://rajey.blogspot.com

adsense

Copyright: Rajeysha. सरल थीम. Blogger द्वारा संचालित.