अपने अंदर झांकता, तू भी नहीं मैं भी नहीं
वक्त ऐसा बन पड़ा कि जुदा से लगते खयाल
वैसे कुदरत का बुरा, तू भी नहीं मैं भी नहीं
अजब सी दिशाओं में, दोनों का सफर जारी रहा
एक लम्हें को रूका तू भी नहीं मैं भी नहीं
चाहते हैं हम दोनों ही, एक दूजे को टूटकर
पर कभी जताता हकीकत, तू भी नहीं मैं भी नहीं
सूचना - भाई लोग ऊपर लिखा ये लाईन्स अपना नहीं है, अपने दोस्त ने बोला तो रिफाइन कर लिखा है।
रोचक तथ्य :
- पतंगे की 6 टांगे होती हैं पर वह चल नहीं सकता।
- एल्कोहल की छोटी सी मात्रा से ही बिच्छु पागल हो उठता है और खुद को ही डंस कर मार डालता है। खुद में ही जहर की प्रतिरोधक शक्ति के ना होने पर बिच्छु अपने ही डंक से स्वयं मर सकता है।
मेंढक कभी कभी इतने जुगनु खा लेते हैं कि वो खुद भी जगमगाने लगते हैं।- जिराफ खांस नहीं सकता।
- चीलें हवा में ही संभोग करती हैं।
- गोल्ड फिश धुंधले स्थान या बहते पानी में रहने पर अपना रंग खो देती है।
- शार्क अपना आहार बनने वाली मछलियों को उनके दिल की धड़कन सुनकर तलाश कर लेती है।
- लकड़बग्घा निरंतर अन्य जानवरों की विष्ठा खाता रहता है।
- अगर कोई मेंढक चल फिर नहीं सकता, तो वो देख नहीं सकता और यदि वह देख नहीं सकता तो वह खा नहीं सकता।
- गोह या गोधा के दो लिंग होते हैं।
- मनुष्य के पिछले चार हजार वर्षों के इतिहास में आज तक किसी नये पशु को पालतू नहीं बनाया जा सका है।
- शारीरिक संरचना के कारण, किसी भी सुअर के लिए यह असंभव है कि वो आकाश की ओर देख सके।
5 टिप्पणियां:
अजब सी दिशाओं में, दोनों का सफर जारी रहा
एक लम्हें को रूका तू भी नहीं मैं भी नहीं
और फिर रूक जाते तो शायद मुलाकात हो ही जाती
बहुत सुन्दर
गजल और जानकारी दोनों शानदार।
………….
दिव्य शक्ति द्वारा उड़ने की कला।
किसने कहा पढ़े-लिखे ज़्यादा समझदार होते हैं?
वक्त ऐसा बन पड़ा कि जुदा से लगते खयाल
वैसे कुदरत का बुरा, तू भी नहीं मैं भी नहीं
aur jaankari bhi sundar
http://sanjaykuamr.blogspot.com/
gazab ki gazal likhi hai..........har sher dil mein utar gaya aur tathya bhi kafi achche hain.
bahut sundar likha hai .......
एक टिप्पणी भेजें