वो शाम कुछ अजीब थी ये शाम भी अजीब है
वो कल भी पास पास थी वो आज भी करीब है
झुकी हुई निगाह में, कहीं मेरा खयाल था
दबी-दबी हसीं में इक, हसीन सा गुलाल था
मैं सोचता था मेरा नाम गुनगुना रही है वो
मै गाऊं तो लगा मुझे कि मुस्कुरा रही है वो
मेरा खयाल है अभी झुकी हुई निगाह में
खिली हुई हंसी भी है दबी हुई सी चाह में
मैं जानता हूं मेरा नाम गुनगुना रही है वो
यही खयाल है मुझे कि पास आ रही है वो
फिल्म-खामोशी गायक-किशोर
2 टिप्पणियां:
Ajnabi ji geet bahut achcha hai.agar geet ke lyrics ke saath audio/video geet bhi post kar dete to post attractive ho jaati.audio post karna aap 'hindi- blogtips' se jaan sakteyhain.
Thanks!
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