tag:blogger.com,1999:blog-79517984725076626962024-03-13T09:29:32.662-07:00rajey.blogspot.comRajeysha, rajeysha, Hindi Blog, Devnagri Blog, Spirituality, Religion, Truth, Discourses, J Krishnamurthy, Hindi Language, Humanity, Osho in Hindi, Dharma, Hindu, Indian, India, Hindi Kavita, Kahani, Shayri, Painting, Art, Gazal, Geet, Hindi Poem, Raj Kumar, Prince, Love, Meditation, Nature, Devine, Soul, God. Hindi Blog, KavitaRajeyshahttp://www.blogger.com/profile/01568866646080185697noreply@blogger.comBlogger300125tag:blogger.com,1999:blog-7951798472507662696.post-54344743023777314902023-12-24T09:41:00.000-08:002023-12-24T09:41:10.750-08:00रिश्ते का लौटना "Returning of a relationship"इसमें इंतजार रहता है।इस तरह लौटना अच्छा लगता था।पिता जी, दादा जी और नाना जी हर सुबह, मेरे जागने से पहले जाते थे ड्यूटी पर।फिर लौटते थे, शाम होने पर।रोज।मां साल में एक आध बारगांव जाती थी।सारे रिश्तों में डालकर खाद ।लौटती थी महीने-दो महीने बाद।मां कभी-कभी, बहुत बीमार होने पर अस्पताल जाती थी।नहीं आती थी एक-दो दिन।फिर थोड़ी-थोड़ी-सी स्वस्थ लौटती थी।बहन साल में एक आध बारलौटती थी घर-द्वार।Rajeyshahttp://www.blogger.com/profile/01568866646080185697noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7951798472507662696.post-82398537554777061602023-11-28T09:47:00.000-08:002023-11-28T09:47:03.717-08:00सद्गुरू-गुरूनानकदेवजीमहाराज विरचित सुखमनि साहिब खंड 3 अष्टपदी 5Rajeyshahttp://www.blogger.com/profile/01568866646080185697noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7951798472507662696.post-71718818428831761142022-08-24T22:26:00.003-07:002022-08-24T22:26:40.714-07:00मन Mindजब कोई गुजर जाता हैमंडराता है आस-पासजो हैं, उन यादों में रहता हैजो हैं, उन सपनों में आता हैअपना ना होना जताता हैकहता है - अब देह नहीं हैं।जहाँ रहती यादें, वो शीश नहींवो गेह नहीं है।जिन यादों से मन बनता है।जिस मन से दुनियां बनती है।जिस मन से जीवन चलता है।जब कोई गुजर जाता हैजीवन मृत्यु की अनिश्चितता के परेजीवन मृत्यु की अनिश्चितता से उपजे भय से परेक्या वाकई वो शांति पाता है? या यादें सब संग जाती Rajeyshahttp://www.blogger.com/profile/01568866646080185697noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-7951798472507662696.post-76231582401131611372022-07-24T01:53:00.001-07:002022-07-24T01:53:46.997-07:00 एक तड़फड़ाहटहम अपने आज को ‘आज’ की तरह गिनते ही नहीं। हम उसे बीते कल,परसों, महीनों या सालों के रूप में जानते हैं। एक आम आदमी को तो वह दशकों के रूप में याद रहता है। कुछ लोग दस बरस पहले की कहानी को कहते हैं - ‘कल ही की तो बात है’। वर्तमान या आज को आदमी टालता है। सुविधाजनक जिंदगी के बहाने बहुत सारे हैं। अभी तो पढ़ाई खत्म हुई, नई नौकरी है, अभी-अभी तो शादी हुई है, पत्नी गर्भवती है, बच्चा बड़ा हो रहा है, बच्चा स्कूल Rajeyshahttp://www.blogger.com/profile/01568866646080185697noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-7951798472507662696.post-85367963361509700292021-12-08T10:17:00.002-08:002021-12-08T10:17:55.715-08:00अभी यहीं...किसी बुद्ध की तलाश किसी बुद्ध को ढूंढने चले हो तो, बस आपको ये करना है कि सुबह से शाम रात तक खुद पर नज़र रखें, अपनी मूल प्रकृति को देखें।To find a Buddha all you have to do is see your nature.~ BodhidharmaRajeyshahttp://www.blogger.com/profile/01568866646080185697noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-7951798472507662696.post-10640866666686780512021-10-13T10:59:00.005-07:002021-10-13T10:59:52.543-07:00सन्यास यानि अमरत्व का स्वादइस मरने वाले शरीर
के लिए संस्कृत में शब्द है 'देह'। इसे देह इसलिए कहा जाता है क्योंकि आखिरकार आखिरी
सफर में इसे दाह संस्कार द्वारा अग्नि को सौंपा समर्पित किया जाता है.. दाह संस्कार
किया जाता है। जिसे दहन किया जाता है वह देह ताकि इससे मुक्त आत्मा अब परमात्मा को
प्राप्त हो।
कुछ हिन्दू, अपनी मर्जी
से जीवन जीने का एक तरीका चुनते हैं जिसे सन्यास कहा जाता है। इसके तहत भले—चंगे रहते, जीते जी वे
अपना Rajeyshahttp://www.blogger.com/profile/01568866646080185697noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-7951798472507662696.post-20934976097294842642021-05-22T05:31:00.000-07:002021-05-22T05:31:37.664-07:00Paulo Coelho के कोट्स हिन्दी मेंकेवल एक ही चीज है जो किसी सपने को उपलब्ध होने में, असंभव बना देती है वह है — असफलता का भय।“There is only one thing that makes a dream impossible to achieve: the fear of failure.” ..आपको जोखिम उठाना ही होता है। हम अपने जीवन में चमत्कारों को केवल तब ही पूरी तरह समझ सकते हैं जब हम अपने जीवन में अप्रत्याशित को घटने का मौका दें।“You have to take risks. We will only understand the miracle of life fullyRajeyshahttp://www.blogger.com/profile/01568866646080185697noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-7951798472507662696.post-43435524025202104902021-01-31T07:59:00.002-08:002021-01-31T07:59:42.504-08:00गरीबीगरीबी - एक फैशन. गरीब कब तक दिखेंगे ? गरीबी भौतिक होती है या मानसिक? गरीबी स्वैच्छिक है या विवशता? किताब और रोटी में किताब यदि पहले मिल जाये तो जिंदगी का पहला कायदा सीख लिया जाये। बिना पढ़े निरक्षरता ही नहीं, जीवन में दरिद्रलक्ष्मी भी विस्तार पा जाती है।गरीबी बहुत बड़े अपराध नहीं करती, बस अपराधों की शुरूआत करती है। अमीरी की कोख से पहला अपराध ही हजार करोड़ डाॅलर से कम का नहीं होता। वह Rajeyshahttp://www.blogger.com/profile/01568866646080185697noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-7951798472507662696.post-46025467043124126162021-01-01T09:22:00.001-08:002021-01-01T09:22:20.547-08:00नया साल और मीठे हुक्के के कश लगाती शामRajeyshahttp://www.blogger.com/profile/01568866646080185697noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-7951798472507662696.post-65800961090722350322020-11-19T00:37:00.004-08:002020-11-19T00:37:39.473-08:00Dear friends ! #Need money. #Needs #JOB/ #Naukri. Dear friends ! #Need money. #Needs #JOB/ #Naukri.
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#MA #BEd | Knowledge/Execution on #Adobe Photoshop, #InDesign, #Illustrator, #CorelDraw, EMsOffice etc. #Print #Media #Graphics and Designing | Do #English/Hindi /Punjabi #Translation | Experience little xyz type #VideoEditing on #AdobePremier | #Want to #work with any #religious #spiritual organisation | #Anywhere in #India.
.
Please Tell/ Rajeyshahttp://www.blogger.com/profile/01568866646080185697noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7951798472507662696.post-87173984913219108752020-11-12T04:00:00.001-08:002020-11-12T04:04:57.886-08:00रट्टू तोता तकरीबन महीना भर पहले की बात है। ये तोता.. जिसकी तस्वीर यहां दी गई है, हमारे परिसर में आया। इसने दो चार गिनती के शब्द रटे हुए थे, यानि स्वाभाविक ही हम सब को महसूस हुआ कि शायद किसी के घर का पला—बढ़ा, मनुष्यों के बीच रहने वाला अभ्यस्त तोता है। जिस किसी की भी बालकनी में जाता वही, फल—फ्रूट—सब्जी, भोज्य इस तोते को प्यार से परोसता। किसी ने जबरिया पकड़ने और पिंजरे का इंतजाम कर अपने यहां ही रख लेने Rajeyshahttp://www.blogger.com/profile/01568866646080185697noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-7951798472507662696.post-25214131672790859032018-06-24T02:41:00.000-07:002018-06-24T02:41:06.495-07:00क्या आप जानते हैं— 'सुनना' एक महान कला है।
न महान कलाओं में से है जो हमने नहीं रचीं— एक है "किसी को पूरी तरह सुनना। ध्यानपूर्वक सुनना। कान या श्रवणमात्र.. सुनना ही हो जाना।"जब आप किसी को पूरी तरह ध्यान लगाकर सुनते हैं, तब आप...अपने आपको या अपने बारे में भी सुनते हैं। अपनी ही समस्याओं, अपनी ही अनिश्चितताओं, अपनी ही दुगर्ति दुर्भाग्य का किस्सा सुनते हैं। भ्रम, सुरक्षा की चाह और शनै:शनै: मन के पतन होने की कहानी सुनते Rajeyshahttp://www.blogger.com/profile/01568866646080185697noreply@blogger.com23tag:blogger.com,1999:blog-7951798472507662696.post-82602665052411663972018-04-04T03:45:00.000-07:002018-04-04T03:46:45.166-07:00एक खूब सूरत पंजाबी रूहानी सा लोकगीत - मिट्टी दा बावा
Mitti Da Bawa मिट्टी दा बावा
.....
कित्ते ते लावां टालियां
वे पत्ता वालियां
वे मेरा पतला माही
कित्ते ते लावां शहतूत
वे तेनु समझ ना आवे
मिट्टी दा बावा
मैं बनो णिं आं
चग्गा पौ णिं
आं
वे उत्ते देनी
आं खेसी
ना रो मिट्टी
दे आ बा वेया
वे तेरा प्यो
परदेसी
मिट्टी दा बावा
नई बोल दा
वे नइ यो
चालदा
वे नइ यो
दें दा हुं गारा
ना रो मिट्टी
दे या बा वे या
वे तेरा प्यो
बणजारा
Rajeyshahttp://www.blogger.com/profile/01568866646080185697noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-7951798472507662696.post-58431590749753585402016-10-31T05:17:00.001-07:002016-10-31T05:17:53.612-07:00एक दियाजब से एंड्राइड स्मार्टफोन लिया है, लिखने की आदत छूट सी गई. केवल फेसबुक. फेसबुक क्षणिक सुख है माया है. सारे महत्वपूर्ण सुख क्षणिक होते हैं. क्या आपने लंबे चलने वाले सुख देखे हैं? सुख भी यदि लंबे चलें तो बोरियत और दु:ख में तब्दील हो जाते हैं.
दुख या तो भूतकाल होता है या भविष्यकाल. जो वर्तमान है वो ना तो दुख होता है ना सुख. लेकिन जब हम जो अभी सामने है, उसका सामना नहीं कर पाते तो बात सुखद या दुखद Rajeyshahttp://www.blogger.com/profile/01568866646080185697noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-7951798472507662696.post-91395296990454023382016-01-24T07:13:00.002-08:002016-01-24T07:13:43.773-08:00 फेसबुक पर चिपको आंदोलन
इतना तो तय है कि अगर आदमी को काम हो, उसे फालतू चीजों के लिए फुर्सत ही ना हो तो आदमी फेसबुक लाॅगइन नहीं करेगा. एक आदमी जो रोटी-कपड़ा-मकान-दुकान के चक्कर में है वह भी फेसबुक पर नहीं होता. नियमित रूप से खाने-पीने के प्रति लापरवाह, खाते-पीते ऐसे लोग जिनके पास बिजली, कम्प्यूटर और इंटरनेट पर किये गये खर्च का हिसाब रखने के कारण नही हैं.. वो सोशन नेटवर्किंग साईट्स (सो.ने.सा.) पर सहज होते हैं।
Rajeyshahttp://www.blogger.com/profile/01568866646080185697noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7951798472507662696.post-52551270462832580082016-01-09T10:58:00.001-08:002016-01-09T10:58:16.581-08:00बस यूं ही वैसी ही नहीं, जैसी कोई चाहेआग कई तरह की होती हैवैसी भी... जैसी कोई ना चाहेसब चाहते हैंदीपक सोने का होबाती, अभी—अभी उतरे कपास के फाहे की होश्यामा गाय से पाया- पिघला कुनकुना घी होऔर किसी तीर्थ की पवित्र अग्नि सेसुगंधित दिया रोशन हुआ होपर सबके इतने सारे इंतजाम नहीं हो पातेइसलिए आग कई तरह की होती हैवैसी भी... जैसी कोई ना चाहेमिट्टी के तेल से गंधाती कुप्पी साईकिल की ट्यूब की नोजल में सजी गुदड़ियों सेRajeyshahttp://www.blogger.com/profile/01568866646080185697noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7951798472507662696.post-31756907702999180552016-01-07T20:50:00.003-08:002016-01-07T21:04:40.851-08:00दिनों महीनों सालों तक
दिनों महीनों सालों तक
बस वही दिन. बस वही रात
दिनों महीनों सालों तक
रोटी.रोजी.बोटी की बात
दिनों महीनों सालों तक
तू, मैं, तू—तू मैं—मैं
दिनों महीनों सालों तक
ओह!, अच्छा, हैं...?
दिनों महीनों सालों तक
गंवाई यूं ही सांसें
दिनों महीनों सालों तक
महसूसी दिल में फांसें
दिनों महीनों सालों तक
मशीनों में पालन पोषण
दिनों महीनों सालों तक
कौटिल्यों ने किया शोषण
*चाणक्य को कौटिल्य भी कहा जाता है, उनकी Rajeyshahttp://www.blogger.com/profile/01568866646080185697noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7951798472507662696.post-37836351120052238682015-09-29T22:42:00.000-07:002015-09-29T22:42:06.118-07:00सैर पर विचारों के पर
हालांकि
आज भी सुबह सुबह जागना अनायास
नहीं होता. आज भी
नाक बंद सी लगी, छींकें
आईं और आंखें भींचकर सोते रहने
की वजह ना दिखी तो उठ गये। सुबह
सैर पर निकले अधिकतर मनुष्य
अपनी ही तरह बकवादी, बड़बड़ाते
और सपने में चलते से नज़र आते
हैं। क्यों.... क्या जब आप सैर पर
जाते हैं तो निर्विचार होते
हैं? तो आंखें,
कान, नाक,
मन यदि सक्रिय है तो
सैरगाह में यत्र तत्र विषय
होते हैं और मन में विचारों
की रेलमपेलRajeyshahttp://www.blogger.com/profile/01568866646080185697noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7951798472507662696.post-39678631306145848672015-06-18T02:37:00.000-07:002015-06-18T02:37:04.095-07:00यूं ही
वादे और कसमें आकाश में चमकते उन सितारों जैसे होते हैं. वो उतने ही ज्यादा चमकते हैं जितनी गहरी काली रात होती है.God's promises are like the stars; the darker the night the brighter they shine. ~David Nicholas
दुनियां में सभी जगह राजनीतिज्ञ एक से होते हैं. वह वहां भी पुल बनाने का वादा करते हैं जहां कोई नदी ही नहीं होती.Politicians are the same all over. They promise to build bridges even when Rajeyshahttp://www.blogger.com/profile/01568866646080185697noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7951798472507662696.post-67675794284556314692015-03-11T07:07:00.002-07:002015-03-11T07:11:41.802-07:00माँ
माँ का पिण्ड दान
दोस्त कुटुम्बी देते हैं ,
बारी बारी कान्धा तुझको,
और मैं कच्ची हांडी सा,
तेरा बच्चा, चलता हूँ आगे,
एक पकी हाँडी,
हाथ में ले कर ।
इस मिट्टी के बर्तन में,
लिये जाता हूँ माँ,
थोडा इतिहास, एक युग, एक जीवन,
चुट्की भर जवानी, एक अंजुली बचपन,
अट्कन बट्कन, दही चट्कन,
घी दूध मख्खन,
अलमारियों की चाबी,
गंगाजली का ढक्कन,
और तू कुछ बोलती नहीं।
यों तेरी गृहस्थी,
मटकी Rajeyshahttp://www.blogger.com/profile/01568866646080185697noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7951798472507662696.post-34466067447925604292014-07-21T05:57:00.000-07:002014-07-21T05:57:04.747-07:00वही ख्वाब - वही अज़ाब
मेरे सुकून में भी, बस वही अज़ाब थाइक झपकी लगी, कि वही ख्वाब था
________________________________________
अज़ाब = पीड़ा, सन्ताप, दंड अज़ीज़ = प्रिय, माननीय, आदरणीय,
गुणवान अज़ीम = महान, विशाल, उच्च मर्यादा वाला अटक =विघ्न
Rajeyshahttp://www.blogger.com/profile/01568866646080185697noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7951798472507662696.post-69336012756875298272014-07-16T07:06:00.002-07:002014-07-16T07:06:20.660-07:00था मैं इतना पराया भी नहीं 17-17
था मैं इतना पराया भी नहीं
कि तूने आजमाया ही नहीं
जो दौलतें हैं तो संग सब ही
नहीं तो धूप में साया नहीं
18-18
उम्र और तजुर्बे बोलते हैं
यूं मैं कुछ सीखा सिखाया नहीं
तू मिला तो गीत, खोया तो गम
इस दिल ने, और कुछ गाया नहीं
Rajeyshahttp://www.blogger.com/profile/01568866646080185697noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-7951798472507662696.post-4229209096787027702014-06-04T07:17:00.000-07:002017-03-31T07:17:39.678-07:00आह को लफ्जों में तराशा जोआह को लफ्जों में तराशा जो
कहा ये उसने..ये तमाशा क्यों?
कभी कभार कोई इशारा दिया,
दिल के बच्चे को, ये बताशा क्यों?
प्यार की क्वालिटी देखिये साहिब
खुदा मिलता है, तोला माशा क्यों?
इक बार मिले, बिछड़ने के लिए
पर दे गये, इतनी निराशा क्यों?Rajeyshahttp://www.blogger.com/profile/01568866646080185697noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7951798472507662696.post-37198652527331756782014-04-30T02:54:00.001-07:002014-06-20T11:10:26.380-07:00उसका हर सितम बेमिसाल ऐसा,उसका हर सितम बेमिसाल ऐसा,
मेरी हर आह पर सवाल कैसा?
अधजगी रातों के गवाह, तारों..
चांद के चेहरे पर जाल कैसा?
उसका होना, कि ज्यों खामोशी हो
ना हो आवाज, तो मलाल कैसा?
यादों और ख्वाबों का तमाशा है
मिलना कैसा? उसका विसाल कैसा?Rajeyshahttp://www.blogger.com/profile/01568866646080185697noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-7951798472507662696.post-2204531803300022012014-04-30T01:35:00.002-07:002014-04-30T01:35:20.608-07:00भूख और प्यार
मुझे चढ़ती दोपहर मेंयही कोई 27 बजेभूख लगी थी।मैंने खाना खा लिया था।और तुमअब शाम को आई हो40 बजे।मेरी भूख मिट गर्इ् है।तुम्हें तो भयंकर भूख लगी हैजाओआज तुम अकेले ही खा लो।खाना खाते समयकिसी का देखना,किसी से बात करनाअच्छा नहीं है।तुम निपट लो,फिर दालान में मिलनाहम फिर बातें करेंगे।मुझे पता हैतुम्हें खटाई पसंद है,खाने में भीरिश्ते में भी।
Rajeyshahttp://www.blogger.com/profile/01568866646080185697noreply@blogger.com0