Monday 9 November 2009

आदमी की संभावना



कुत्ता, कुत्ते सा
अजगर, अजगर सा ही होता है

गिरगिट, गिरगिट सा
भेड़िया, भेड़िये सा ही होता है

गिद्ध गिद्ध सा
सूअर, सूअर सा ही होता

बैल, बैल सा
गधा, गधे सा ही होता है

सांप, सांप सा
केंचुआ केंचुए-सा ही होता है

फिर क्यों आदमी
कुत्ता, अजगर, गिरगिट
गिद्ध, सूअर, बैल
गधा, सांप, केंचुआ
सब कुछ हो जाता है?

क्यों नहीं रहता
आदमी, आदमी सा?

या,
आदमी वो संभावना है
जो सब कुछ हो सकता है?
आदमी से बदतर,
आदमी से बेहतर।

या,
आदमी का होना
बदतर और बेहतर
दो अतियों में झूलना है।

या,
आदमी, इस सारे प्रपंच से
होश की छलांग लगाकर
बाहर हो सकता है?
हमेशा के लि‍ए।

3 comments:

दिगम्बर नासवा said...

VAAH ...... KAMAAL KA PRASHN HAI ... AADMI AADMI JAISA KYUN NAHI HOTA ... SHAAYAD AADMI KE BAS KA TO NAHI JAWAAB DENA ........

श्यामल सुमन said...

बहुत रोचक ढ़ंग से आपने गम्भीर बातें कह दीं। वाह।

गर आदमी न हो तो अदूरा है आदमी
और आदमी से आदमी बनता है आदमी
फिर कत्ल क्यों करता है आदमी का आदमी
जब आदमी के प्यार में रोता है आदमी

सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com

शरद कोकास said...

इसीलिये तो वह मनुष्य है ।

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